केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को एनडीटीवी के साथ एक एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर चर्चा की. चंद्रशेखर ने कहा कि एआई के मामले में भारत सबसे आगे रहना चाहता है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार एआई की सीमाओं के निर्धारण को लेकर भी गंभीर है. उन्होंने कहा कि हम ऐसी नीति बनाना चाहते हैं जहां लोगों के हीत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नियंत्रित किया जाए. हम उपयोग कर्ताओं को होने वाले नुकसान के नजरिए से इसे नियंत्रित करने जा रहे हैं.
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री जो दो दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेने वाले डिजिटल इंडिया अधिनियम के मसौदे को तैयार करने के लिए हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श से जुड़े एक बड़े टीम का नेतृत्व कर रहे हैं - ने कहा कि हम इसे (एआई) को लेकर नियम लाएंगे कि यह इंटरनेट पर किसी उपयोगकर्ता को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.
भारत के डिजिटल भविष्य के बारे में बात करते हुए, श चंद्रशेखर ने कहा कि देश एक "techade" की ओर बढ़ रहा है. गौरतलब है कि पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस शब्द का प्रयोग किया था.उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को "ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था" बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के इकोसिस्टम का कोई हिस्सा नहीं होने जा रहा है जहां भारत और उसके स्टार्टअप की पहुंच नहीं होगी.
मंत्री ने नौकरियों पर एआई के प्रभाव के बारे में उठ रहे प्रश्न कि क्या एआई नौकरियों की जगह लेगा? के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि एआई का असर होगा लेकिन यह नए अवसर लेकर भी आएगा. उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में एआई को लेकर तैयार प्रतिभा का केंद्र बन सकता है.
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