भारत ने इजराइल पर हमास के हमलों को ‘आतंकी’ हमला करार दिया

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नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को इजराइली शहरों पर हमास के हमले को ‘‘आतंकी हमला'' करार दिया, लेकिन अपने उस दीर्घकालिक रुख की पुष्टि की जिसमें ‘‘संप्रभु और स्वतंत्र'' फलस्तीन की स्थापना के लिए वार्ता की वकालत की गई है. इजराइल-हमास संघर्ष पर अपने पहले विस्तृत बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है और इसी तरह आतंकवाद के खतरे से लड़ना भी वैश्विक जिम्मेदारी है.

हमास द्वारा अचानक किए गए हमलों के बाद इजराइल के जवाबी हमलों और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से तेल अवीव को ‘‘युद्ध के नियमों के अनुसार काम करने'' का संदेश दिए जाने के मद्देनजर गाजा में फलस्तीनियों की दुर्दशा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में बागची ने यह बात कही.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत का ध्यान उन भारतीयों को इजराइल से वापस लाने पर है जो मौजूदा स्थिति को देखते हुए वापस लौटना चाहते हैं. फलस्तीन पर भारत के रुख पर उन्होंने कहा कि यह हमेशा सुसंगत रहा है. बागची ने फलस्तीन मुद्दे के ‘द्वि-राष्ट्र समाधान' के पक्ष में नयी दिल्ली के रुख को दोहराते हुए कहा, ‘‘इस संबंध में हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है... भारत ने हमेशा इजराइल के साथ सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फलस्तीन की स्थापना के लिए सीधी वार्ता की बहाली और इसके साथ-साथ इजराइल के साथ शांतिपूर्ण संबंध की वकालत की है. यह रुख यथावत है.''

इजराइल और हमास के बीच संघर्ष में अब तक दोनों पक्षों के लगभग 2,600 लोग मारे गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि भारत के लोग इस कठिन समय में उनके देश के साथ मजबूती से खड़े हैं. मोदी ने इस दौरान हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा की.

संघर्ष पर बागची के बृहस्पतिवार के बयान से पहले, भारत की प्रतिक्रिया दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच फोन पर हुई बातचीत के साथ-साथ मोदी के ट्वीट पर विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट तक सीमित थी. बागची ने कहा, 'मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियां अपने आप में कायम हैं और उन्हें किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है.'

यह पूछे जाने पर कि भारत हमास को कैसे देखता है, उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनों के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करना एक कानूनी मामला है. उन्होंने कहा, 'मैं आपको इस मामले में संबंधित अधिकारियों के पास भेजूंगा. मुझे लगता है कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम इसे एक आतंकवादी हमले के रूप में देखते हैं. लेकिन दर्जा देने के मामले में, संबंधित अधिकारी इसका जवाब देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं.'

यह पूछे जाने पर कि क्या संकट का असर भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) पहल पर पड़ेगा, बागची ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि यह दीर्घकालिक महत्व वाली पहल है.

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https://ift.tt/dpESlI3 October 12, 2023 at 11:08PM
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