पुरी में 2.8 किलोमीटर लंबे नवनिर्मित बाईपास मार्ग 'श्री सेतु' से अब भुवनेश्वर और ब्रह्मगिरि से आने वाले वाहन शहर के यातायात से बचकर सीधे बहु-स्तरीय पार्किंग स्थल तक पहुंच सकेंगे. इससे जगन्नाथ मंदिर तक जाने में लगने वाला यात्रा समय एक घंटा तक कम हो जाएगा.
आगामी 17 जनवरी को 2,700 करोड़ रुपये की लागत वाली जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन से पहले ‘श्री सेतु' पुरी में ओडिशा सरकार द्वारा कार्यान्वित विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में से एक है.
अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने पवित्र शहर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर प्राचीन पुरी मंदिर के आसपास की बस्तियों का पुनर्विकास किया है और मंदिर के चारों ओर 1.5 किलोमीटर का पथ 'श्रीमंदिर परिक्रमा' बनाया है.
पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा, ‘‘महामारी के बाद जगन्नाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की औसत संख्या बढ़ गई है. सामान्य दिनों में यह एक से दो लाख होती है और त्योहारों के दौरान यह 10 लाख तक पहुंच जाती है.'
वर्मा ने कहा, ‘‘इस भीड़ को प्रबंधित करने के लिए, हमने शहर के चारों ओर श्री सेतु यातायात नेटवर्क बनाया है जिससे श्रद्धालु बाईपास राजमार्ग के रास्ते सीधे मल्टीलेवल कार पार्किंग तक पहुंच जाएंगे और शहर में प्रवेश किए बिना मंदिर में दर्शन कर सकेंगे.''
अधिकारियों ने कहा कि ये कदम राज्य द्वारा नियुक्त जांच आयोग की सिफारिशों के आधार पर उठाए गए थे. उन्होंने कहा कि समिति ने 2019 में श्री जगन्नाथ मंदिर के बेहतर प्रशासन और सुरक्षा उपायों सहित इसकी बंदोबस्ती पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद, शहर प्रशासन ने अपनी पुनर्विकास और पुनर्वास योजना के पहले चरण की शुरुआत की, जिसमें नवनिर्मित जगन्नाथ बल्लभ पार्किंग कॉम्प्लेक्स और मंदिर को जोड़ने वाले 'श्री सेतु' के लिए लगभग 3 एकड़ जमीन को साफ किया गया.
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि श्रद्धालुओं की आवाजाही को और सुगम बनाने के लिए, प्रशासन ने लोहे के बैरिकेड से जुड़ी बेंच के साथ एक अस्थायी वातानुकूलित सुरंग बनाई है, जो लगभग 10 पंक्तियों को अलग करती है, जिसमें एक समय में 3,000 श्रद्धालु बैठ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि 85 मीटर का छायादार मार्ग भक्तों की सुविधा के लिए बनाया गया है ताकि दर्शन के लिए कतार में इंतजार करते समय उन्हें चिलचिलाती धूप से बचाया जा सके. अधिकारी ने कहा, 'त्योहारों के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने और परिक्रमा के दौरान भीड़ को कम करने के लिए मंदिर परिसर के आसपास पुनर्विकास की आवश्यकता थी.'
भव्य सड़क (बड़ा डंडा) जो मंदिर की ओर जाती है, आमतौर पर भक्तों से भरी रहती है, खासकर रथ यात्रा के दौरान. उस सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर 75 मीटर तक कर दी गई है. बहुप्रतीक्षित पुरी हवाई अड्डा - जो ओडिशा का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जल्द ही चालू हो जाएगा. अधिकारियों ने कहा, इस सुविधा से और अधिक भक्तों के यहां आने की उम्मीद है क्योंकि उनके यात्रा समय में कमी आएगी.
अधिकारियों ने कहा कि हेरिटेज कॉरिडोर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान 600 से अधिक दुकानें, आवासीय परिसर और निजी संपत्तियां विस्थापित हो गईं और उन्हें मंदिर परिसर के दो किलोमीटर के भीतर पुनर्वासित किया गया.
पुरी के सहायक जिलाधिकारी बिनय कुमार दास ने कहा, 'सभी प्रभावित लोगों को नियमों के अनुसार उचित मुआवजा दिया गया और उनमें से कई को प्रशासन द्वारा नव निर्मित परिसरों में दुकानें दी गई हैं.'
ये भी पढ़ें- सरकार आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध: पीएम मोदी
ये भी पढ़ें- जगन्नाथ मंदिर में फटी जींस, स्कर्ट, निकर पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री पर लगी रोक
from NDTV India - Latest https://ift.tt/7xnFzLk
https://ift.tt/pFlQfYK January 08, 2024 at 11:05PM