"कम से कम रमजान में युद्ध मत करो": पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इजरायल में भेजा था विशेष दूत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने हमास (Hamas) आतंकवादी गुट के साथ युद्ध के दौरान रमजान में इजरायल (Israel) में एक विशेष दूत भेजा था. ऐसा इसलिए किया था कि ताकि उनसे रमजान (Ramadan) के महीने के दौरान युद्ध न करके शांति बनाए रखने का आग्रह किया जा सके.

पीएम मोदी ने रिपब्लिक टीवी के साथ एक इंटरव्यू में जो देकर कहा कि, इजरायल को कम से कम रमजान के पवित्र महीने के दौरान लड़ाई नहीं करनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, "उस समय जब इजराइल और हमास युद्ध कर रहे थे, मैंने अपने विशेष दूत को इजरायल को यह समझाने के लिए भेजा था कि रमजान चल रहा है. कम से कम रमजान में लड़ाई न करें, किसी पर हमला न करें."

उन्होंने कहा कि, "दूसरी बात, मैंने कहा कि रमजान के महीने में लोगों को जो भी जरूरत होती है, भारत उन्हें भेजना चाहता है, इसमें कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. तो यह हमारा चरित्र है और जब हम ऐसा करते हैं, तो हम इसको लेकर घमंड नहीं करते हैं. कभी-कभी हमें सफलता मिलती है, कभी-कभी नहीं, लेकिन हम ऐसा कर रहे हैं."

नेतन्याहू बंधकों की रिहाई पर अडिग

इससे पहले मार्च में सीज फायर के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव आने पर जवाब देते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान में संघर्ष विराम के विचार को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वे "एक और बंधक रिहाई देखना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. रिहाई के बिना कोई भी बातचीत सफल नहीं होगी, लड़ाई में विराम नहीं लगने वाला है."

हमास के प्रतिनिधिमंडल ने 7 मार्च को काहिरा में बातचीत में बिना किसी साफ सफलता के इसे समाप्त कर दिया. इजरायल ने चेतावनी दी थी कि अगर रमजान से पहले गाजा में बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो वह राफा में सैन्य हमले शुरू करेगा, जहां दस लाख से अधिक विस्थापित लोग शरण ले चुके हैं.

भारत शांति के पक्ष में खड़ा

इजराइल-हमास युद्ध के संबंध में पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया पक्ष चुन रही है, तो हम साफ रुख रखते हैं, भारत शांति के लिए खड़ा है.

उन्होंने कहा, "दुनिया में सभी समूह, समुदाय बने हुए हैं. करीब सभी समुदाय किसी न किसी रूप में भारत की मौजूदगी चाहते हैं. इसलिए भारत एक अच्छी स्थिति में है. जहां तक संघर्ष का सवाल है, दुनिया इस स्थिति पर विचार कर रही है." 

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि, "केवल हम ही हैं जिनका रुख स्पष्ट है, हम किसी के पक्ष में नहीं हैं. हम शांति के पक्ष में हैं." उन्होंने कहा कि, ''और इसके कारण दुनिया को हम पर भरोसा हो गया है कि यह अकेले लोग हैं जो किसी को हथियार देने की बात नहीं करते हैं और किसी से लड़ने की बात नहीं करते हैं.''

"हम देश के मूल्यों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं''

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को लेकर पीएम मोदी ने एक उदाहरण भी साझा किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि, "मुझमें राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठने और उन्हें यह बताने का साहस था कि यह युद्ध का समय नहीं है. और हम शांति के पक्ष में हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा कि, "हम देश के मूल्यों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. हम अपने देश, अपने मूल्यों और अपनी परंपराओं को लेकर दुनिया में जा रहे हैं."



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