पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए राम नाथ कोविंद, कहा-शिवाजी महाराज ने हर धर्म और जाति को दिया था समान अधिकार

As Tech in Life
0

Ramnath Kovind in Book Launch: नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में बुधवार, 31 जुलाई को पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ. हिंदवी स्वराज स्थापना महोत्सव आयोजन समिति की ओर से आयोजित इस खास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले शामिल रहे. दोनों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उनके देश के प्रति योगदान के बारे में चर्चा की. कार्यक्रम में उनके जीवन और मराठा साम्राज्य पर आधारित कुल आठ पुस्तकें, चार हिन्दी और चार अंग्रेजी का विमोचन किया गया. 

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले

भारत के हृदय में रहेंगे शिवाजी महाराज-दत्तात्रेय होसबाले 

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हिंदवी स्वराज और राष्ट्रप्रेम के लिए अपने को समर्पित करने वाले छत्रपति शिवाजी हमेशा भारत वर्ष के हृदय में बसे रहेंगे. शिवाजी महाराज ने अपने कार्यों से राष्ट्र में स्वप्रेम की भावना का विकास किया और अपने काल खंड में मुगलों को पछाड़ कर हिंदवी स्वराज की स्थापना की. 

शिवाजी महाराज भारत के सर्वश्रेष्ठ शासक-रामनाथ कोविंद 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सर्वश्रेष्ठ शासक थे. वह भारत के भाग्य विधाता थे. अगर छत्रपति शिवाजी जैसे महायोद्धा का कालखंड भारत में न होता, तो भारतीय संस्कृति की पताका इतनी प्रगाढ़ न होती. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने हमारे भीतर राष्ट्रीय दायित्वों के बोध को पैदा किया उस दायित्व बोध का हमें हमेशा पालन करना चाहिए. मुगल साम्राज्य को जिस सैन्य कुशलता और रणनीति से मात दी वह हमारे लिए आज भी प्रेरणा बना हुआ है. 

आठ पुस्तकों का किया गया विमोचन

आठ पुस्तकों का किया गया विमोचन

इन आठ पुस्तकों का हुआ विमोचन

हिंदवी स्वराज स्थापना महोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कुल आठ पुस्तकें विमोचित की गई. पहली पुस्तक ‘छत्रपति शिवाजी महाराज' के लेखक डॉ. केदार फालके, दूसरी पुस्तक ‘स्वराज संरक्षण का संघर्ष' को पांडुरंग बलकवडे, सुधीर थोरात एवं मोहन शेटे जी ने लिखा है. तीसरी पुस्तक ‘अठारहवीं शताब्दी का हिंदवी साम्राज्य' के लेखक पांडुरंग बलकवडे एवं सुधीर थोरात जी है. चौथी पुस्तक ‘छत्रपति शिवाजी न होते तो ...' को गजानन मेहेंदले ने लिखा है.

ये भी पढ़ें :- बारिश, भूस्खलन और तबाही... उत्तराखंड के सैकड़ों गांव आज भी कर रहे हैं विस्थापन का इंतजार

इन अंग्रेजी पुस्तकों का हुआ विमोचन

पांचवी पुस्तक में Chhatrapati Shivaji Maharaj (अंग्रेजी अनुवाद), छठी पुस्तक में The Fight For Defending The Swaraj (अंग्रेजी अनुवाद), सातवीं पुस्तक Maratha Empire (Hindavi Samrajya) During the Eighteenth Century (अंग्रेजी अनुवाद) और आठवीं पुस्तक Chhatrapati Shivaji : Savior of Hindu India (अंग्रेजी अनुवाद) लिखा गया है. ये आठों पुस्तकें छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा साम्राज्य से जुड़े अनेक पहलुओं पर प्रकाश डालती हैं. 

ये भी पढ़ें :- Delhi Rain LIVE: भारी बारिश से दिल्ली-NCR बेहाल, कहीं उखड़े पेड़ तो कहीं गिरी इमारत, लगा लंबा जाम



from NDTV India - Latest https://ift.tt/y4RxaG9
https://ift.tt/VbfDdjm July 31, 2024 at 10:40PM
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top