टेक्नोलॉजी और लोक कल्याण के साथ काम करने वाले दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स के पास मानवता को लेकर एक अद्वितीय दृष्टिकोण है, जिसे वो विश्व की कुछ सबसे गंभीर समस्याओं को हल करने की कोशिश में सामने लाते हैं. गुरुवार को एनडीटीवी के साथ खास इंटरव्यू में, माइक्रोसॉफ्ट और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के संस्थापक ने डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारत के नेतृत्व और वैक्सीन के क्षेत्र में देश के शानदार काम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तक, कई मुद्दों पर बात की.
बिल गेट्स ने हैदराबाद में सोशल मीडिया सेंसेशन डॉली चायवाला की तैयार की गई चाय पर भी बात की.
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और देश की विकास गाथा में इसके योगदान पर, गेट्स ने कहा कि सरकारी भुगतान को सीधे बैंक खातों में स्थानांतरित करना एक बड़ा कदम है, क्योंकि बिचौलियों द्वारा इसमें से कुछ भी छीने बिना, लाभार्थियों को सीधे पैसा मिलता है. इससे सरकार को बड़ी बचत भी हुई है, जिसका उपयोग अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "अभी, गोद लेने के विभिन्न चरणों में 15 अन्य देश भी हैं. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जी20 बैठक का केंद्र बिंदु बनाया, उससे बहुत कुछ प्रभावित हुआ."
वैक्सीन की अवधि बढ़ाना
इस बात पर जोर देते हुए कि गेट्स फाउंडेशन भारतीय वैक्सीन उद्योग का सबसे बड़ा समर्थक है, गेट्स ने कहा कि देश की कंपनियों ने महामारी के दौरान टीके विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
गेट्स ने कहा कि वो चाहेंगे कि टीकों द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा की अवधि, जिसमें कोविड भी शामिल है, उसे बढ़ाया जाए, ताकि समान सुविधाओं का उपयोग अन्य बीमारियों के लिए भी किया जा सके.
उन्होंने कहा, "हमें खसरा, तपेदिक और एचआईवी के लिए इसका उपयोग करने को लेकर उन्हीं सुविधाओं, विशेष रूप से समय की जरूरत है और इस एमआरएनए का बहुत सारा काम कैंसर के टीकों के लिए किया जा रहा है. हमारे पास भविष्य में आने वाली महामारी को अडॉप्ट करने की क्षमता बहुत अधिक तेज़ है, ऐसे में टेक्नोलॉजी में अपार संभावनाएं हैं."
नौकरी छूटने का डर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के कारण नौकरी जाने की आशंकाओं पर एक सवाल के जवाब में, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने कहा कि दुनिया को जल्द ही लेबर की अधिकता देखने को नहीं मिलेगी और उत्पादकता बढ़ने से एक व्यापक समूह अपनी जैसी चीजों तक पहुंचने में सक्षम हो सकता है. बच्चों को व्यक्तिगत ट्यूशन मिल रहा है, जो अब तक केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध थी.
क्या दुनिया उस चरण में पहुंच रही है, जब एआई सिस्टम अनिवार्य रूप से इंसानों की तरह काम कर रहे हैं, गेट्स ने कहा कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, खासकर पिछले दो सालों में, लेकिन मशीनों का नजरिया इंसानों से अलग है.
उन्होंने कहा, "गणना जैसी चीजों में कंप्यूटर हमेशा बेहतरीन रहा है और हम ऐसे कई मील के पत्थर तक पहुंचे हैं, जैसे जब कंप्यूटर शतरंज में सर्वश्रेष्ठ था, या जब कंप्यूटर एक बोर्ड गेम में बेस्ट था. अब, यदि लिखने की ही बात हो तो आप जानते हैं, कि 99% लोग कविताएं, गीत या कुछ लिखने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं. ये एक अच्छी बात हो सकती है, लेकिन एआई स्पष्ट रूप से हम से अलग है, ये हमारी तुलना में कई गलतियां करता है."
एनीमिया ब्रेकथ्रू
भारत पर बीमारी के बोझ के बारे में बिल गेट्स ने कहा कि एनीमिया और कुपोषण दुनिया के लिए गेट्स फाउंडेशन की शीर्ष प्राथमिकताओं में से दो हैं और देश को उस क्षेत्र में एक चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत भी इन मुद्दों को प्राथमिकता दे रहा है और कुछ सफलताएं मिली हैं.
उन्होंने कहा, "एनीमिया के लिए, हम हमेशा से जानते हैं कि एक महिला गर्भावस्था के दौरान कई बार चेकअप के लिए आती है और इंजेक्शन लेती हैं. हम उस एनीमिया से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये बहुत महंगा और जटिल है. हालिया सफलता ये है कि एक सूत्रीकरण है कि एक महिला केवल एक बार ही आ सकती है, और फिर हम सुई लगाने में मदद के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं."
जलवायु संकट
गेट्स ने कहा कि वो जलवायु संकट को कम करने के साथ-साथ देशों को अनुकूलन में मदद करने में भी शामिल हैं, जिसका काम गेट्स फाउंडेशन द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा, ऐसी चीजों के माध्यम से नवीनीकरण किया जाता, है जैसे नई फसलें उगाना जो उच्च तापमान और सूखे का सामना कर सकें.
जलवायु परिवर्तन में विकसित देशों की बड़ी भूमिका की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "भारत एक बहुत ही जलवायु प्रभावित देश है. ये एक तरह से हास्यास्पद है कि नरम क्षेत्र के देश इस समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं, वे सबसे अधिक प्रभावित नहीं हैं, क्योंकि पूर्ण तापमान इतना अधिक नहीं है और, आप जानते हैं, हमारी कारों में और हमारे घरों में एयर कंडीशनर हैं, इसलिए हम कुछ हद तक पहले से ही अनुकूलित हैं."
'शानदार चाय'
हल्के-फुल्के अंदाज में, गेट्स से ये भी पूछा गया कि उन्होंने डॉली चायवाला द्वारा बनाई गई चाय पी थी और उसका स्वाद कैसा था.
अरबपति ने कहा, "मैं खुद को इसका सबसे अच्छा जज नहीं मानता, लेकिन वो अच्छा था. वहां सुबह हैदराबाद का एक सुंदर दृश्य था और उन्होंने मुझे बताया कि वे एक अच्छे चायवाले को लाए हैं, और वो बहुत फोटोजेनिक था, इसलिए वो मज़ेदार था."
from NDTV India - Latest https://ift.tt/kcg0ruH
https://ift.tt/1BLvk0s February 29, 2024 at 10:50PM