सलमान के घर के बाहर फायरिंग केस में और 2 आरोपी गिरफ्तार, शूटर्स के लिए किया था हथियार का बंदोबस्त

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अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले विक्की गुप्ता और सागर पाल दोनों को आज कोर्ट में पेश किया गया. जहां अदालत ने दोनों की रिमांड 4 दिन के लिए बढ़ा दी. इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच ने उन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिन्होंने शूटरों को दो बंदूक डिलीवर की थी. सलमान खान के केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. मामले की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच ने शूटरों को बंदूक देने वाले दो लोगों को पंजाब से पकड़ा है.

पकड़े गए आरोपियों के नाम सोनू सुभाष चंदर और अनुज थापन है. अनुज थापन ट्रक पर हेल्पर का काम करता है, जबकि सुभाष खेती करता है. अनुज पर पहले से कई आरोप हैं और वो लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़ा बताया जा रहा है. दोनों ने पनवेल में 15 मार्च को दो पिस्तौलें डिलीवर की थीं. इस बीच अदालत ने पहले से गिरफ्तार दोनो शूटरों की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है.

इन दोनों की शिनाख्त पर पुलिस ने सूरत में तापी नदी से  दो पिस्तौल, 4 मैगजीन और 17 कारतूस बरामद की थी. लेकिन पुलिस की माने तो अब भी 18 कारतूस की तलाश बाकी है. विक्की गुप्ता और सागर पाल दोनों को पुलिस ने आज फिर से कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने दोनो की 29 अप्रैल तक पुलिस रिमांड बढ़ा दी. इसके पहले अदालत में दस दिन की जांच का ब्योरा देते हुए पुलिस ने बताया कि फायरिंग के बाद से दोनों आरोपियों ने 3 बार अपने कपड़े बदले थे और हुलिया  भी बदलने की कोशिश की थी.

उनके पास कुल 40 गोलियां थीं, जिसमे से 5 राउंड फायर किए थे 17 नदी से बरामद हुईं. जबकि बाकी 18 कारतूसों की तलाश जारी है. आरोपियों ने इस दौरान तीन मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था. लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही फोन मिल पाया है, दो मोबाइल फोन की तलाश जारी है. पुलिस ने ये भी बताया कि मास्टरमाइंड से बात करने के लिए आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड किया था. लेकिन उस ऐप से बातचीत के लिए वाईफाई दूसरे मोबाइल से कनेक्ट कर रखा था.

सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि दोनों की सलमान खान से कोई निजी दुश्मनी नहीं है. इसलिए किसके कहने पर दोनों ने वारदात को अंजाम दिया और आर्थिक मदद कहां से मिली है इसकी जांच भी करनी है. दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी जांच में सहयोग कर रहे हैं और हथियारों की बरामदगी हो चुकी है. इसलिए अब और पुलिस रिमांड की जरूरत नहीं है. वकील ने आरोपियों को गरीब बताकर उनका बचाव करने की कोशिश भी की.

बचाव पक्ष के वकील अमित मिश्रा ने कहा कि अभियोजन पक्ष की कहानी से जो सुनने को मिल रहा है उसके मुताबिक आरोपी गरीब परिवार से हैं. गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं इसलिए वारदात की गंभीरता और उसके परिणाम से वो अनजान थे, हो सकता है उन्होंने कौतुहलवस वारदात को अंजाम दिया होगा. आपको बता दें कि पुलिस मामले में अनमोल और लॉरेंस विश्नोई को पहले ही आरोपी बना चुकी है.

अब उसने रिमांड कॉपी में वारदात के तार अंतर्राष्ट्रीय संगठित गिरोह से जुड़े होने का जिक्र किया है. मतलब साफ है कि पुलिस लॉरेंस विश्नोई गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए मामले में मकोका कानून लगाने के लिए धीरे धीरे कदम बढ़ा रही है.



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